मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे (Mumbai-Pune Expressway) पर मिली कार की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. नवी मुंबई क्राइम ब्रांच (Navi Mumbai Crime Branch) के मुताबिक, दो प्रॉपर्टी डीलरों के बीच की खूनी जंग में दोनों की ही मौत हो गई. न सुपारी देने वाला बचा और न जिसकी सुपारी दी गई.
मुंबई:
महाराष्ट्र (Maharashtra) के नवी मुंबई में दो प्रॉपर्टी डीलरों (Property Dealer) की एक ऐसी खूनी कहानी सामने आई है, जिसके बाद लालच और ब्लैकमेल की दुनिया का सच सबके सामने आ गया है. यह हकीकत है, लेकिन लगता बिलकुल कोई फिल्मी अफसाना है. इस मामले का खुलासा हुआ तो पता चला कि न शिकार रहा और न ही शिकारी ही मौत से बचा. पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को पकड़ा है, जिन्होंने बताया कि एक शख्स ने दूसरे की हत्या के लिए 50 लाख रुपये की सुपारी दी थी, लेकिन अब दोनों ही नहीं रहे.
मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे पर 23 अगस्त को मिली एक कार ने सनसनी फैला दी थी. कार के शीशे पर गोली चलने के निशान थे. कार में बंदूक की दो गोलियां भी मिलीं, लेकिन उसमें सवार कोई शख्स नहीं मिला. पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि कार में सवार आमिर खानजादा और सुमित जैन दोनों नेरुल के रहने वाले हैं और 21 अगस्त की रात से लापता थे. कार मिलने के बाद नवी मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच आगे बढ़ी तो जो पता चला वो और भी हैरान करने वाला था.
नाकाडे के साथियों की गिरफ्तारी से खुला राज
पुलिस के मुताबिक, सुमित जैन और आमिर खानजादा दोनों ही प्रॉपर्टी डीलर थे. हाल ही में सुमित ने फर्जीवाड़ा कर एक जमीन हड़प ली थी. आमिर उसमें हिस्सा पाने के लिए ब्लैकमेल कर रहा था, इसलिए सुमित ने आमिर को मारने के लिए सुपारी दी थी. हालांकि पुलिस उस वक्त हैरान रह गई जब उसे आमिर की जगह सुमित जैन का ही शव मिला.
पुलिस के सामने बड़ा सवाल था कि फिर आमिर कहां है और सुमित को किसने मारा? असली राज तब खुला जब पुलिस ने विट्ठल नाकाडे के बाद एक-एक कर उसके सभी साथियों को गिरफ्तार कर लिया.